25000 करोड़ की भूमि कौड़ियों के भाव दे दी गई – रोशनी भूमि घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश

जम्मू-कश्मीर के अब तक के सबसे बड़े रोशनी भूमि घोटाले की जांच अब सीबीआइ करेगी।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को रोशनी एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए इसके तहत हुए सभी आवंटन भी रद करने के आदेश दिए हैं।
रोशनी एक्ट के तहत प्रदेश में 20 लख कनाल सरकारी व वन भूमि पर हुए कब्जों को मामूली फीस लेकर नियमित बना दिया गया था।
आरोप है कि 25 हजार करोड़ की जमीन कौड़ियों के भाव अतिक्रमणकारियो में बांट दी गई।
तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सितंबर 2019 में भ्रष्टाचार के आरोपों पर रोशनी एक्ट को निरस्त कर मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपी थी।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस राजेश बिंदल की डिवीजन बेंच ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपते हुए हर आठ हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को जांच में सहयोग देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 23 सितंबर को इस मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआइ जांच पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है रोशनी एक्ट – (Roshni Act)

वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्टेट लैंड (जगह पर रहने वालों को मालिकाना हक) अधिनियमको मंजूरी दी। इसे रोशनी एक्ट नाम दिया गया।
सरकार ने कहा, सरकारी (नजूल) जमीनों पर रहने वाले लोगों से बाजार भाव वसूलकर उन्हें जमीन का मालिकाना अधिकार दिया जाएगा।
इससे 25 हजार करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा और तय किया गया कि इससे राज्य में बिजली ढांचे को विकसित किया जाएगा।
आरोप है कि प्रदेश में 20 लाख कनाल सरकारी भूमि पर भूमाफिया, नेता और अफसर अतिक्रमण कर एक्ट के सहारे इस जमीन के मालिक बन गए।

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By phantom